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खुशखबरी! यूएई ने लॉन्च किया नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीजा: भारतीय प्रवासियों के लिए ‘सोने पर सुहागा’!

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने गोल्डन वीजा कार्यक्रम में एक बड़ा और गेम-चेंजिंग बदलाव किया है, जिससे दुनिया भर के, खासकर भारतीय प्रवासियों के लिए यूएई में स्थायी निवास का सपना हकीकत में बदल सकता है। यूएई ने अब एक नया नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीजा योजना शुरू की है, जो पारंपरिक निवेश-आधारित मॉडल से हटकर है। यह खबर उन भारतीयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो लंबे समय से यूएई में बसने की इच्छा रखते हैं।


क्या है यह नया नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीजा?

पहले यूएई का गोल्डन वीजा पाने के लिए मोटे निवेश की आवश्यकता होती थी। जैसे, संपत्ति में कम से कम 2 मिलियन दिरहम (लगभग ₹4.66 करोड़) का निवेश या देश में एक बड़ा व्यवसाय स्थापित करना पड़ता था। लेकिन नई योजना के तहत, अब ऐसा कोई बड़ा निवेश करना अनिवार्य नहीं है!

इस नई नीति के तहत, अब आप केवल 100,000 दिरहम (लगभग ₹23.3 लाख भारतीय रुपये) का एकमुश्त शुल्क देकर आजीवन यूएई का गोल्डन वीजा प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना पारंपरिक निवेश-आधारित मॉडल में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिसका उद्देश्य संस्कृति, व्यापार, विज्ञान और वित्त जैसे क्षेत्रों में योगदान करने वाले पेशेवरों को आकर्षित करना है।


भारतीय प्रवासियों के लिए यह इतना खास क्यों है?

यह नई योजना भारतीय प्रवासियों के लिए एक ‘सोने पर सुहागा’ है, जिसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं:

  1. कम लागत, आजीवन निवास: सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब करोड़ों रुपये का निवेश किए बिना भी आजीवन निवास (लाइफटाइम रेजिडेंसी) प्राप्त किया जा सकता है, जिससे यह बहुत से लोगों के लिए अधिक सुलभ हो गया है।
  2. निवेश की बाध्यता नहीं: आपको अब यूएई में कोई संपत्ति खरीदने या बड़ा व्यवसाय स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। यह उन पेशेवरों और उद्यमियों के लिए बेहतरीन अवसर है जो केवल अपनी विशेषज्ञता या कौशल के आधार पर वहां रहना चाहते हैं।
  3. आसान प्रक्रिया (भारत से भी आवेदन): इस वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया भी पहले से काफी सरल हो गई है। आवेदक को दुबई जाने की आवश्यकता नहीं है; वे अपने देश (भारत) से ही नामांकन की पूर्व-स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं। Rayad Group जैसी अधिकृत कंसल्टेंसी फर्मों के माध्यम से या One VASCO सेंटरों और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन किया जा सकता है।
  4. पारिवारिक लाभ: गोल्डन वीजा धारक अपने परिवार के सदस्यों (पति/पत्नी और बच्चों) को भी अपने साथ यूएई ला सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें नौकर और ड्राइवर रखने की भी अनुमति मिलती है।
  5. व्यवसाय और पेशेवर स्वतंत्रता: वीजा मिलने के बाद आप यूएई में किसी भी व्यवसाय या पेशेवर गतिविधि में स्वतंत्र रूप से शामिल हो सकते हैं, जिससे नए अवसर खुलेंगे।
  6. पायलट प्रोजेक्ट में भारत: यूएई सरकार ने इस वीजा परीक्षण के पहले चरण के लिए भारत और बांग्लादेश को चुना है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। इससे उम्मीद है कि शुरुआती तीन महीनों में ही 5,000 से अधिक भारतीय आवेदकों को इस गोल्डन वीजा का लाभ मिलेगा।
  7. दीर्घकालिक स्थिरता: यह वीजा स्थायी होता है, जिसका अर्थ है कि यदि आप भविष्य में कोई संपत्ति बेचते हैं या अपना व्यवसाय बंद करते हैं, तो भी यह वीजा समाप्त नहीं होगा। यह प्रवासियों को दीर्घकालिक स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।

कौन हो सकता है योग्य?

इस नॉमिनेशन-आधारित वीजा के लिए पात्रता मानदंड में विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर शामिल हैं, जैसे:

  • वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर
  • कलाकार, खिलाड़ी
  • स्टार्टअप संस्थापक
  • यूट्यूबर्स, पॉडकास्टर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स
  • ई-स्पोर्ट्स एथलीट
  • और अन्य प्रतिभाशाली पेशेवर जो यूएई की अर्थव्यवस्था या संस्कृति में योगदान दे सकते हैं।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आवेदन प्रक्रिया में पृष्ठभूमि की कड़ी जांच शामिल होगी, जिसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जांच, आपराधिक रिकॉर्ड सत्यापन और सोशल मीडिया स्क्रीनिंग भी शामिल है। अंतिम निर्णय यूएई सरकार के अधिकारियों पर निर्भर करेगा।


यह कदम न केवल यूएई को वैश्विक प्रतिभाओं के लिए एक अधिक आकर्षक गंतव्य बनाएगा, बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए भी नए रास्ते खोलेगा जो एक स्थिर और समृद्ध भविष्य की तलाश में हैं। यह भारत और यूएई के बीच बढ़ते व्यापारिक और मानवीय संबंधों का भी एक और प्रमाण है।


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