भारत के लिए आज का दिन विज्ञान और अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने वाला है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो निजी मिशन Axiom‑4 का हिस्सा हैं, ने 14 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपने सहयोगियों के साथ सफलतापूर्वक अंडॉक कर लिया है। यह मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति का भी प्रमाण है। Axiom‑4 की टीम ने अंतरिक्ष में रहते हुए कुल 310 से अधिक बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि इंसान अब स्थायी रूप से अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने और काम करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रहा है।
अब पूरी टीम स्पेसएक्स के Crew Dragon ‘Grace’ कैप्सूल के माध्यम से वापस पृथ्वी पर लौट रही है, और स्प्लैशडाउन आज भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे प्रशांत महासागर में होने की उम्मीद है। यह मिशन अपने साथ कई वैज्ञानिक प्रयोग, अंतरिक्ष में मानवीय अनुकूलता के परीक्षण, और नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों की जांच की उपलब्धियां लेकर लौट रहा है। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि वह उन चुनिंदा भारतीयों में शामिल हैं जिन्होंने व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ान के जरिए पृथ्वी की कक्षा से परे कार्य किया है।
इस मिशन की वापसी के साथ ही भारत और पूरी दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक क्षण पर टिकी हुई हैं। यह केवल एक स्पेस मिशन नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है उन युवाओं के लिए जो अंतरिक्ष को सिर्फ सपने की तरह नहीं, बल्कि करियर और कर्तव्य के रूप में देख रहे हैं। शुभांशु शुक्ला की यह सफल यात्रा आने वाली पीढ़ियों को अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में और भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।