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एयर इंडिया दुर्घटना रिपोर्ट पर पायलट यूनियन का सवाल: क्या जांच निष्पक्ष नहीं?

हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट पर भारतीय पायलटों के संघ ने गंभीर सवाल उठाए हैं। पायलटों का आरोप है कि जांचकर्ता पक्षपाती थे और उन्होंने दुर्घटना के कारणों का सही आकलन नहीं किया। यह आरोप विमानन सुरक्षा के लिए चिंताजनक है और इससे पूरी जांच प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिह्न लग गया है।

मामला क्या है?

भारतीय पायलटों का राष्ट्रीय संघ (IPAN) ने एयर इंडिया दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि यह रिपोर्ट दुर्घटना के मूल कारणों की पहचान करने में विफल रही है। संघ का कहना है कि जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकालते समय पायलटों के अनुभवों और विशेषज्ञता को नजरअंदाज किया, जिससे रिपोर्ट में खामियां रह गईं।

पायलट यूनियन के आरोप:

IPAN ने अपनी प्रतिक्रिया में कई गंभीर आरोप लगाए हैं:

  • जांचकर्ताओं पर पक्षपात का आरोप: पायलट यूनियन का दावा है कि जांचकर्ता पायलटों के प्रति पूर्वाग्रह रखते थे और उन्होंने पायलटों की भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश की, जबकि अन्य संभावित कारकों को अनदेखा कर दिया।
  • अधूरी जांच: संघ का तर्क है कि रिपोर्ट में दुर्घटना के सभी पहलुओं पर पूरी तरह से गौर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विमान के रखरखाव, तकनीकी खराबी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की भूमिका और मौसम संबंधी कारकों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
  • प्रक्रियात्मक खामियां: IPAN ने यह भी आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी और उन्हें पर्याप्त रूप से शामिल नहीं किया गया। उनका कहना है कि उनकी विशेषज्ञता और जानकारी को महत्व नहीं दिया गया, जिससे रिपोर्ट एकतरफा बनी।
  • सुरक्षा के लिए खतरा: पायलट संघ का कहना है कि यदि दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता नहीं चलता है, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा। गलत निष्कर्षों के आधार पर की गई सिफारिशें विमानन सुरक्षा को और कमजोर कर सकती हैं।

आगे क्या?

यह विवाद विमानन नियामक निकायों और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। उन्हें न केवल इस दुर्घटना की अंतिम रिपोर्ट निष्पक्ष रूप से जारी करनी होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य की सभी जांचें पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हों।

इस तरह के आरोप तब और गंभीर हो जाते हैं जब वे उन लोगों द्वारा लगाए जाते हैं जो विमान को उड़ाते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं। यह आवश्यक है कि पायलटों के संघ द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं की गहन जांच की जाए। विमानन सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या पक्षपात अस्वीकार्य है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि विमानन अधिकारी इन आरोपों का जवाब कैसे देते हैं और क्या वे एक नई और अधिक व्यापक जांच का आदेश देते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हर पहलू की गहन जांच की जाए और जिम्मेदारी तय की जाए।


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