राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों (NCR), हरियाणा और राजस्थान में मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 13 जुलाई तक इन इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी जारी की है। सड़कों पर जलभराव, यातायात जाम और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कहां-कहां हो रही है भारी बारिश?
- दिल्ली-एनसीआर: दिल्ली में बुधवार देर शाम और गुरुवार सुबह हुई झमाझम बारिश से लोगों को उमस से तो राहत मिली, लेकिन कई स्थानों पर जलभराव से जाम की स्थिति बन गई। गुरुग्राम में भी गुरुवार को 12 घंटे में 133 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें एक घंटे में 103 मिमी की ‘अत्यंत तीव्र बारिश’ शामिल है। नोएडा और गाजियाबाद में भी बादल छाए हुए हैं और बारिश जारी है। IMD ने दिल्ली-एनसीआर के लिए आज भी ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसका अर्थ है कि कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। 11 से 16 जुलाई तक भी दिल्ली में अच्छी बारिश का अनुमान है, जिससे तापमान 33-34 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहेगा।
- हरियाणा: हरियाणा के रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद और झज्जर जैसे जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जो मध्यम से भारी बारिश की संभावना का संकेत देता है। हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, मेवात, पलवल और यमुनानगर में भी हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।
- राजस्थान: राजस्थान में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है और कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। IMD के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में 10 से 16 जुलाई तक, और पश्चिमी राजस्थान में 12 जुलाई से मानसून की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। कोटा, भरतपुर, जयपुर, अजमेर और उदयपुर संभाग में 11 और 12 जुलाई को भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है। पश्चिमी राजस्थान में 14 और 16 जुलाई को भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
आगे क्या है मौसम का पूर्वानुमान?
IMD ने अगले 2-3 दिनों तक उत्तर-पश्चिमी भारत में और अगले 4-5 दिनों तक मध्य भारत में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान में 13 जुलाई तक मानसून की सक्रियता बनी रहेगी।
मुख्य चिंताएं और सावधानियां:
- जलभराव और यातायात जाम: भारी बारिश के कारण शहरी इलाकों में जलभराव और सड़कों पर भारी जाम की स्थिति बन रही है। लोगों को लंबी यात्रा से बचने और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
- निचले इलाकों में बाढ़: नदियों और नालों के उफान पर होने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लोगों को जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
- बिजली गुल: कई इलाकों में बारिश और तेज हवाओं के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- सुरक्षा: नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे खुले बिजली के तारों, जलमग्न सड़कों और कमजोर संरचनाओं से दूर रहें।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। लोगों को मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट्स पर ध्यान देने और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की गई है। यह मानसून कुछ दिनों तक और कहर बरपा सकता है, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।