भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के 10 राज्यों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिनमें उत्तर प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं। यह चेतावनी इन राज्यों के निवासियों को संभावित बाढ़ और जलभराव जैसी स्थितियों के प्रति सतर्क रहने का संकेत देती है। मॉनसून अब पूरे देश में सक्रिय हो गया है और कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव दिखा रहा है।
किन राज्यों पर है खतरा?
आईएमडी ने जिन 10 राज्यों के लिए यह चेतावनी जारी की है, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा छत्तीसगढ़, विदर्भ, आंतरिक ओडिशा, और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से प्रमुख हैं, जहां अत्यधिक भारी वर्षा (21 सेमी से अधिक) की संभावना है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में भी अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान जैसे राज्यों में भी सक्रिय मॉनसून की स्थिति बनी रहेगी, जिसमें गरज-चमक के साथ बारिश की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश और बिहार की स्थिति:
उत्तर प्रदेश: राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। लखनऊ सहित कई इलाकों में अगले 48 घंटों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। नदियों के बढ़ते जलस्तर और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका है। सरकार ने पहले ही वृक्षारोपण अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन फिर भी अत्यधिक बारिश से निपटने के लिए तैयारियों को पुख्ता करने की जरूरत है।
बिहार: बिहार में मानसून सक्रिय हो गया है, खासकर दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी जिलों में पिछले 24 घंटों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पटना, गया, औरंगाबाद, नालंदा और गोपालगंज जैसे जिलों में रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना जताई है। इस दौरान गरज के साथ बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी आशंका है। हालांकि, बिहार में अभी तक सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे खरीफ की खेती प्रभावित हुई है। अब आने वाली बारिश से किसानों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन जलभराव की स्थिति से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।
संभावित प्रभाव और सावधानियां:
- बाढ़ और जलभराव: निचले इलाकों, शहरी क्षेत्रों और नदियों के किनारे बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
- यातायात बाधित: भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो सकता है, जिससे दैनिक आवागमन में दिक्कतें आ सकती हैं।
- बिजली आपूर्ति में व्यवधान: तेज हवाओं और बारिश के कारण बिजली के खंभे गिरने या तारों के टूटने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
- भूस्खलन: पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।
- कृषि पर प्रभाव: अत्यधिक बारिश से खरीफ की फसलें, खासकर धान और सब्जियों को नुकसान हो सकता है।
IMD की सलाह और आपको क्या करना चाहिए:
- घर पर रहें: केवल आपात स्थिति में ही घर से बाहर निकलें।
- सुरक्षित रहें: बिजली के खंभों, गिरे हुए तारों और पानी से भरे खुले मैनहोल से दूर रहें।
- यात्रा से बचें: अत्यधिक बारिश वाले क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें। यदि यात्रा करनी पड़े, तो वैकल्पिक मार्गों की जानकारी रखें।
- बिजली के उपकरण बंद करें: बारिश और गरज के दौरान बिजली के उपकरणों का उपयोग करने से बचें और उन्हें अनप्लग कर दें।
- सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें: स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों और सलाहों पर ध्यान दें।
- किसानों के लिए: खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने और खड़ी फसलों को बचाने के उपाय करें।
- आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहें: किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक वस्तुओं का इंतजाम करके रखें।
मॉनसून का यह सक्रिय चरण जारी रहेगा, इसलिए सभी नागरिकों से अपील है कि वे सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।