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रूस के भीषण हमलों के बीच यूक्रेन को झटका: अमेरिका ने रोकी कुछ मिसाइल शिपमेंट, क्यों कम पड़ रहा है हथियारों का भंडार?

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध 40 महीनों से अधिक समय से जारी है, और इस दौरान यूक्रेन की सुरक्षा में अमेरिका द्वारा प्रदान की गई सैन्य सहायता ने अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आई है, जो यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। अमेरिका ने अपने कुछ मिसाइल शिपमेंट को यूक्रेन भेजने से रोक दिया है, जिसका कारण अपने घटते हुए हथियार स्टॉकपाइल्स (भंडार) को बताया जा रहा है।

क्या है यह नया डेवलपमेंट?

अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग) ने अपने सैन्य भंडारों की समीक्षा की है, और कुछ खास तरह के हथियारों, खासकर मिसाइलों के स्टॉक में कमी पाई गई है। इसी के चलते यूक्रेन को पहले से वादा की गई कुछ महत्वपूर्ण मिसाइलों और अन्य हथियारों की डिलीवरी को फिलहाल रोक दिया गया है। व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव एना केली ने एक बयान में कहा कि यह फैसला “अमेरिका के हितों को प्राथमिकता देने” के लिए लिया गया है।

कौन से हथियार प्रभावित हुए हैं?

हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने उन विशिष्ट हथियारों का विवरण नहीं दिया है जिनकी आपूर्ति रोकी गई है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें PAC3 पैट्रियट (Patriot) सिस्टम, 155 मिमी आर्टिलरी राउंड, GMLRS, स्टिंगर (Stinger), AIM-7 और हेलफायर (Hellfire) मिसाइलों की खेप शामिल हो सकती है। ये सभी हथियार यूक्रेन के लिए रूसी हमलों का सामना करने में बेहद महत्वपूर्ण हैं, खासकर हवाई हमलों से बचाव के लिए।

क्यों हो रही है हथियारों की कमी?

अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है, फिर भी उसके पास हथियारों के भंडार में कमी क्यों आ रही है, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। इसके कुछ संभावित कारण हैं:

  1. यूक्रेन को भारी सहायता: रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से फरवरी 2022 से अमेरिका ने यूक्रेन को 66 अरब डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता और हथियार प्रदान किए हैं। इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों की निरंतर आपूर्ति से निश्चित रूप से अमेरिकी भंडारों पर दबाव पड़ा है।
  2. उत्पादन में देरी: कुछ उन्नत मिसाइल सिस्टम जैसे पैट्रियट मिसाइलों के उत्पादन में काफी समय लगता है। हालांकि उत्पादन की दर बढ़ी है, लेकिन युद्ध की तीव्र मांग को पूरा करने के लिए यह अभी भी पर्याप्त नहीं है।
  3. अन्य वैश्विक ज़रूरतें: यूक्रेन के अलावा, अमेरिका को मध्य पूर्व और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र जैसे अन्य भू-राजनीतिक हॉटस्पॉट में भी अपने सहयोगियों को हथियार आपूर्ति करनी होती है और अपनी स्वयं की सैन्य तैयारियों को भी बनाए रखना होता है। हाल ही में, ईरान द्वारा किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को रोकने के लिए कतर में अमेरिकी अड्डों पर पैट्रियट मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इन मिसाइलों की मांग और बढ़ गई है।
  4. नई ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताएं: यह निर्णय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नई प्राथमिकताओं को दर्शाता है। ट्रंप प्रशासन ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर जोर दे रहा है, जिसका अर्थ है कि पहले अमेरिका की अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करना।

यूक्रेन पर क्या होगा असर?

यह निलंबन यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर ऐसे समय में जब रूस ने यूक्रेन पर अपने हवाई हमलों को और तेज कर दिया है। पैट्रियट जैसे एयर डिफेंस सिस्टम यूक्रेन की सुरक्षा की रीढ़ हैं और हर दिन जानें बचाते हैं। इन महत्वपूर्ण हथियारों की कमी से यूक्रेन की रूसी मिसाइलों और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने की क्षमता कम हो सकती है, जिससे अधिक नागरिकों की जान जा सकती है और बुनियादी ढांचे को नुकसान हो सकता है।

यूक्रेन ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है, क्योंकि यह उनके लिए युद्ध के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है। अब देखना होगा कि अमेरिका इस स्थिति को कैसे संभालता है और यूक्रेन को क्या विकल्प उपलब्ध कराता है, या फिर यूक्रेन को अपने दम पर इस नई चुनौती का सामना कैसे करना पड़ता है।


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