भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण! लखनऊ निवासी और भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए हैं, को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने देश के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बताया है।
मायावती का बयान: युवाओं के लिए प्रोत्साहन
मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को शुभांशु शुक्ला के सुरक्षित पृथ्वी पर लौटने की खबर के बाद, मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, “भारत के शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में विभिन्न अध्ययनों के बाद आज उनकी धरती पर सकुशल वापसी की खबर खासकर युवाओं को प्रोत्साहित व देश को उत्साहित करने वाली है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस सफलता के लिए मूलतः लखनऊ निवासी श्री शुक्ला व उनके परिवार सहित देश के सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों व उनकी संस्थाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उम्मीद है कि इस प्रकार के अनुभव से देश के करोड़ों जनता को यहां पर जरूर लाभ मिलेगा।”
शुभांशु शुक्ला: भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। राकेश शर्मा ने लगभग 40 साल पहले अंतरिक्ष में कदम रखा था। शुभांशु शुक्ला का यह मिशन, हालांकि एक निजी तौर पर आयोजित मिशन (Axiom Space के Axiom Mission 4) था, लेकिन इसमें ISRO, NASA और SpaceX जैसे प्रमुख अंतरिक्ष संगठनों की भागीदारी थी। यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, ‘गगनयान’ के लिए भी महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा।
अंतरिक्ष में 18 दिन और 7 महत्वपूर्ण प्रयोग
शुभांशु शुक्ला ने ISS पर अपने 18 दिनों के प्रवास के दौरान कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए। इन 7 भारतीय-डिज़ाइन किए गए प्रयोगों में सूक्ष्मजीवों, बीजों, मांसपेशियों के पुनर्जनन और शून्य गुरुत्वाकर्षण में स्क्रीन के साथ मानव संपर्क पर अध्ययन शामिल थे। इन प्रयोगों का उद्देश्य अंतरिक्ष में जीवन के व्यवहार को समझना है, जो चंद्रमा, मंगल और उससे आगे के भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
एक प्रेरणादायक यात्रा
शुभांशु शुक्ला की यात्रा, एक लड़ाकू पायलट से लेकर अंतरिक्ष यात्री बनने तक की, वास्तव में प्रेरणादायक है। उन्होंने वर्षों का कठोर प्रशिक्षण लिया, जिसमें रूस में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में तैयारी शामिल थी। उनका यह अनुभव न केवल भारत के अंतरिक्ष ambitions को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
भविष्य की ओर बढ़ता भारत
शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण है। यह भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। मायावती जैसे राजनीतिक नेताओं द्वारा उनकी सराहना, उनके इस असाधारण उपलब्धि के महत्व को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है। यह निश्चित रूप से भारत के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा।