शिमला/कुल्लू, 25 जून 2025: हिमाचल प्रदेश में मानसून का आगमन अपने साथ भारी तबाही लेकर आया है। बुधवार को कुल्लू जिले के विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की कई घटनाएं सामने आईं, जिसके परिणामस्वरूप अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया। सैंज घाटी, गड़सा, बंजार और मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बादल फटने से नदियां और नाले उफान पर आ गए, जिससे सड़कें, पुल और कई रिहायशी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
कुल्लू में तबाही का मंजर
सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू जिले की सैंज घाटी में हुआ है। यहां जीवा नाले में आए सैलाब ने रौद्र रूप धारण कर लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, पानी का बहाव इतना तेज था कि कई घर इसकी चपेट में आ गए और बह गए। प्रशासन के मुताबिक, सैंज के रैला बिहाल क्षेत्र में बादल फटने से कम से कम चार मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, तीन लोगों के बह जाने की भी सूचना है, जो सामान निकालने के दौरान बाढ़ के तेज बहाव में फंस गए। उनके बचाव और खोज कार्य जारी हैं, लेकिन बारिश और मलबे के
कारण इसमें दिक्कतें आ रही हैं।
होरागढ़ पटवार सर्कल के चेहणी गांव में एक गोशाला पूरी तरह से तबाह हो गई, जबकि एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पानी और मलबा घुस गया, जिससे स्कूल की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है। सैंज बाजार रोड का एक बड़ा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है, और वहां खड़ी एक जीप भी सैलाब में बह गई। मणिकर्ण घाटी में ब्रह्म गंगा नाले में भी जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया, जिससे आसपास के कई घरों में पानी घुस गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो में पानी का तेज बहाव और मलबे का खौफनाक मंजर साफ दिखाई दे रहा है, जिसमें वाहन तिनके की तरह बहते नजर आ रहे हैं।
सड़कें बाधित, जनजीवन प्रभावित
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। आनी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग-305 फड़ेलनाला के पास बंद हो गया है, जबकि आनी-चवाई मार्ग भी गुगरा के पास बाधित है। रामपुर और किन्नौर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (हिंदुस्तान-तिब्बत रोड) पर भी यातायात प्रभावित हुआ है, जहां झाकड़ी के पास पहाड़ों से मलबा गिरने के कारण हाईवे को बंद करना पड़ा है। सड़कों के बाधित होने से यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है और कई इलाकों में लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।
प्रशासन और मौसम विभाग का अलर्ट
जिला प्रशासन कुल्लू ने आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्कता बरतने का दावा किया है। राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सर्च और रेस्क्यू टीमें तुरंत भेजी जा रही हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए भारी बारिश का “ऑरेंज अलर्ट” जारी किया है, जिसका अर्थ है कि अगले कुछ दिनों तक स्थिति गंभीर बनी रह सकती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रहा है। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन पर भी इस आपदा का सीधा असर पड़ा है, क्योंकि मणिकर्ण और सैंज घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल अब खतरे की जद में हैं।