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कानपुर में शुरू हुआ “भूजल जागरूकता सप्ताह”: पानी बचाने का महाअभियान!

कानपुर, उत्तर प्रदेश: जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए, कानपुर में भूजल जागरूकता सप्ताह (Groundwater Awareness Week) का आगाज हो गया है। यह अभियान 16 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को भूजल के घटते स्तर के प्रति जागरूक करना और इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। यह पहल केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत आयोजित की जा रही है, जो पूरे देश में जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्यों है भूजल संरक्षण जरूरी?

कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 53 विकासखंड अतिदोहित (over-exploited) श्रेणी में हैं, जिसका अर्थ है कि वहां भूजल का दोहन उसके पुनर्भरण से कहीं ज्यादा हो रहा है। कानपुर में भी भूगर्भ जल स्तर सालाना लगभग 50 सेंटीमीटर गिर रहा है, जो भविष्य में गंभीर जल संकट का संकेत है। शहरी क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कमी और पानी के अपव्यय ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

“जल शक्ति अभियान” और “कैच द रेन” पहल

केंद्र सरकार ने 2019 में ‘जल शक्ति अभियान’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण और प्रबंधन को जन आंदोलन बनाना है। इसका मुख्य नारा है “कैच द रेन, वेयर इट फॉल्स, व्हेन इट फॉल्स” (Catch the Rain, Where It Falls, When It Falls)। इस अभियान के तहत, विभिन्न हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): वर्षा के पानी को इकट्ठा करना और उसका भंडारण करना ताकि भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके।
  • पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण: पुराने तालाबों, कुओं और अन्य जल स्रोतों का जीर्णोद्धार करना।
  • पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाएं: बोरवेल और अन्य संरचनाओं के माध्यम से पानी का पुन: उपयोग और भूजल का पुनर्भरण।
  • वाटरशेड विकास (Watershed Development): बड़े क्षेत्रों में जल संरक्षण प्रथाओं को लागू करना।
  • सघन वृक्षारोपण (Intensive Afforestation): पेड़ लगाकर भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना।

कानपुर में क्या होगा इस सप्ताह?

भूजल जागरूकता सप्ताह के दौरान कानपुर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा:

  • जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों और आवासीय क्षेत्रों में रैलियां, कार्यशालाएं और गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी।
  • फिल्म प्रदर्शन और नुक्कड़ नाटक: जल संरक्षण के महत्व को दर्शाने वाली लघु फिल्में और नुक्कड़ नाटक प्रदर्शित किए जाएंगे।
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा: लोगों को अपने घरों और इमारतों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में केवल 20% लोगों ने ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सक्रिय कर रखा है।
  • जल संरक्षण के तरीकों पर जानकारी: ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर प्रणाली, और अन्य जल-कुशल कृषि तकनीकों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी।
  • थीम “भूजल घटे नहीं, प्रयास रुके नहीं”: इस वर्ष भूजल सप्ताह की थीम “भूजल घटे नहीं, प्रयास रुके नहीं” रखी गई है, जो निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देती है।

हम सभी की जिम्मेदारी

भूजल का संरक्षण केवल सरकारी या विभागीय जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। पानी की हर बूंद को बचाना और उसका विवेकपूर्ण उपयोग करना समय की मांग है। इस भूजल जागरूकता सप्ताह में, आइए हम सब मिलकर प्रण लें कि हम अपने जल संसाधनों की रक्षा करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी पर्याप्त और स्वच्छ पानी मिल सके।


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