भारतीय नौसेना की क्षमता में एक और बड़ा इजाफा हुआ है! 8 जुलाई, 2025 को विशाखापट्टनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) ने भारतीय नौसेना को उसका पहला पूर्णतः स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) ‘निस्तार’ सौंप दिया है। यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक शानदार उदाहरण है, क्योंकि इस जहाज का डिजाइन और निर्माण भारत में ही किया गया है और इसमें 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है।
‘निस्तार’ – नाम में ही है उद्देश्य!
‘निस्तार’ नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘मुक्ति’, ‘बचाव’ या ‘उद्धार’। यह नाम इस अत्याधुनिक पोत के मुख्य कार्य को सटीक रूप से दर्शाता है: गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव अभियान चलाना। यह उन चुनिंदा नौसेनाओं में से एक है जिनके पास ऐसी विशिष्ट क्षमताएं हैं।
क्या है ‘निस्तार’ की खासियत?
‘निस्तार’ एक ऐसा युद्धपोत है जो भारतीय नौसेना की गहरे समुद्र में बचाव और समर्थन क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- आयाम: यह 118 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 9350 टन है।
- गहराई तक गोताखोरी: ‘निस्तार’ अत्याधुनिक डाइविंग उपकरणों से लैस है, जो इसे 300 मीटर की गहराई तक जटिल डीप सी सैचुरेशन डाइविंग ऑपरेशन करने में सक्षम बनाता है। इसमें 75 मीटर तक की गहराई के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी शामिल है।
- पनडुब्बी बचाव: यह पोत डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के ‘मदर शिप’ के रूप में भी कार्य करेगा। इसका मतलब है कि आपातकालीन स्थिति में फंसी पनडुब्बियों में बचावकर्मी, लाइफ सपोर्ट सिस्टम और आवश्यक उपकरण पहुंचाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- रिमोट नियंत्रित वाहन (ROVs): ‘निस्तार’ 1000 मीटर की गहराई तक डाइवर मॉनिटरिंग और बचाव कार्यों के लिए रिमोट से चलने वाले वाहनों (ROVs) से सुसज्जित है। ये ROVs गहरे समुद्र में डूबी हुई वस्तुओं, हथियारों या उपकरणों का पता लगाने और उन्हें निकालने में भी मदद कर सकते हैं।
- स्वदेशीकरण: इस जहाज में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- बहुमुखी प्रतिभा: ‘निस्तार’ केवल पनडुब्बी बचाव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह गहरे समुद्र में विभिन्न प्रकार के डाइविंग ऑपरेशंस, समुद्री सर्वेक्षण और पानी के भीतर रखरखाव कार्यों को भी अंजाम दे सकता है।
भारतीय नौसेना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ‘निस्तार’?
‘निस्तार’ का भारतीय नौसेना में शामिल होना कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- सुरक्षा में वृद्धि: यह भारतीय नौसेना की पानी के भीतर की क्षमताओं को मजबूत करेगा, खासकर पनडुब्बी आपातकाल और बचाव कार्यों में।
- आत्मनिर्भरता: यह भारत की रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो आयात पर निर्भरता को कम करता है।
- समुद्री प्रभुत्व: दुनिया की कुछ ही नौसेनाओं के पास ‘निस्तार’ जैसी उन्नत डाइविंग सपोर्ट वेसल की क्षमता है, जिससे भारतीय नौसेना की समुद्री प्रभुत्व में वृद्धि होगी।
- सामरिक महत्व: ‘निस्तार’ भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में और उससे आगे भी किसी भी समुद्री आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने की क्षमता प्रदान करेगा।
‘निस्तार’ के साथ, भारतीय नौसेना अब गहरे समुद्र में भी अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी आपात स्थिति में तत्परता से प्रतिक्रिया देने में अधिक सक्षम होगी। यह एक गर्व का क्षण है जो भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति और तकनीकी कौशल को दर्शाता है।