खेल जगत से एक दुखद खबर आ रही है। “द टर्बनड टोर्नाडो” (The Turbaned Tornado) के नाम से मशहूर, भारत के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक, सरदार फौजा सिंह का 114 वर्ष की आयु में पंजाब में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है। उनका निधन सोमवार, 14 जुलाई 2025 को हुआ, जब वह अपने पैतृक गांव ब्यास, जालंधर के पास सड़क पार कर रहे थे और एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।
एक प्रेरणादायक जीवन
फौजा सिंह का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं था। उनका जन्म 1 अप्रैल 1911 को अविभाजित पंजाब के ब्यास गांव में हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने मैराथन दौड़ना अपने जीवन के उत्तरार्ध में, 89 साल की उम्र में शुरू किया था। उन्होंने 90 साल की उम्र में अपनी पहली मैराथन पूरी करके दुनिया को चौंका दिया था। इसके बाद उन्होंने लंदन, टोरंटो और न्यूयॉर्क सहित कई प्रमुख मैराथन में भाग लिया और अपनी उम्र के लोगों के लिए एक मिसाल कायम की।
रिकॉर्ड्स और पहचान
फौजा सिंह ने 100 साल की उम्र में टोरंटो वाटरफ्रंट मैराथन को पूरा करके विश्व रिकॉर्ड बनाया, जिससे वह पूर्ण मैराथन पूरा करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए। उन्होंने कई आयु-वर्ग के रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। उनकी असाधारण दृढ़ता और अदम्य भावना ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई। उन्हें 2012 के लंदन ओलंपिक मशाल रिले में भी एक मशाल वाहक के रूप में चुना गया था, जो उनके वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
उनकी जीवनी, जिसका शीर्षक “द टर्बनड टोर्नाडो” है, उनके अद्भुत जीवन और प्रेरणादायक यात्रा का विस्तृत विवरण देती है। उन्हें खेल और दान के लिए उनकी सेवाओं के लिए 2015 में ब्रिटिश एम्पायर मेडल (BEM) से भी सम्मानित किया गया था।
शोक और श्रद्धांजलि
फौजा सिंह के निधन की खबर से खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्हें “दृढ़ता के प्रतीक” और “नशा मुक्त पंजाब” अभियान के लिए एक प्रेरणा के रूप में याद किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने 114 साल की उम्र में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया था।
फौजा सिंह ने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी कि जीवन में कभी हार न मानें और अपने सपनों का पीछा करें, चाहे आप किसी भी उम्र के हों। उनकी आत्मा को शांति मिले।