दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। विश्वविद्यालय ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और छात्रों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए ₹1,900 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इन परियोजनाओं में नए कॉलेजों का निर्माण, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और छात्रों के लिए नए छात्रावास शामिल हैं।
नए कैंपस और कॉलेज: सीटों में बड़ा इजाफा
इस विशाल परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नए अकादमिक परिसरों और कॉलेजों का निर्माण है। दिल्ली विश्वविद्यालय को अब दो नए कैंपस (पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में) और एक नया कॉलेज मिलेगा।
- पूर्वी परिसर (ईस्ट कैंपस): सूरजमल विहार में 15.25 एकड़ में बन रहे इस परिसर की अनुमानित लागत ₹373 करोड़ है। इसमें 60 क्लासरूम, 10 ट्यूटोरियल रूम, 6 मूट कोर्ट, 4 कंप्यूटर लैब, 2 कैफेटेरिया और 2 कॉमन रूम सहित कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। यहां एलएलबी, एलएलएम और पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी प्रोग्राम के साथ अन्य बहुविषयक कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
- पश्चिमी परिसर (वेस्ट कैंपस): द्वारका सेक्टर 22 में बन रहे इस परिसर के पहले चरण में ₹107 करोड़ की लागत से एक नया अकादमिक भवन बनेगा। इसमें 42 क्लासरूम, 2 मूट कोर्ट, डिजिटल लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस रूम, फैकल्टी रूम, कैफेटेरिया और सेमिनार हॉल जैसी सुविधाएं होंगी।
- वीर सावरकर कॉलेज: नजफगढ़ के रोशनपुरा में यूईआर हाईवे के नजदीक वीर सावरकर के नाम पर एक अत्याधुनिक कॉलेज भवन का निर्माण किया जाएगा।
इन नए परिसरों और कॉलेज के निर्माण से दिल्ली विश्वविद्यालय में 10,000 अतिरिक्त सीटें जुड़ने की संभावना है, जिससे देश भर से आने वाले छात्रों के लिए प्रवेश के अवसर बढ़ेंगे। पहले चरण में 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से 5,000 सीटों का विस्तार होगा, और दूसरे चरण में 2030 तक कुल 5,000 सीटों का और विस्तार होने की उम्मीद है।
सौर ऊर्जा की ओर कदम: हरित परिसर की दिशा में
दिल्ली विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है, जिससे विश्वविद्यालय अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा और कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा। हंसराज कॉलेज जैसे कुछ कॉलेजों ने पहले ही सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर दिए हैं, और अब यह पहल पूरे विश्वविद्यालय में विस्तारित की जाएगी।
आधुनिक प्रयोगशालाएं और उन्नत छात्रावास
इन परियोजनाओं में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का उन्नयन और छात्रों के लिए नए तथा बेहतर छात्रावासों का निर्माण भी शामिल है।
- प्रयोगशालाएं: नई प्रयोगशालाएं छात्रों को नवीनतम उपकरणों और तकनीकों के साथ सीखने और अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करेंगी। यह शोध और नवाचार को बढ़ावा देगा।
- छात्रावास: दिल्ली विश्वविद्यालय में देश भर से छात्र आते हैं, और आवास एक बड़ी चुनौती रही है। नए छात्रावासों के निर्माण से छात्रों को आरामदायक और सुरक्षित आवास मिलेगा, जिससे उनका ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित रह पाएगा।
दूरगामी प्रभाव
यह ₹1,900 करोड़ का निवेश दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है। यह न केवल छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा बल्कि विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता को भी बढ़ाएगा। बेहतर बुनियादी ढाँचा, आधुनिक शिक्षण सुविधाएं और हरित पहल दिल्ली विश्वविद्यालय को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगी। यह भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।