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कांवड़ यात्रा 2025: दिल्ली पुलिस की कमर कसी, 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए अभेद्य सुरक्षा!

सावन का महीना शुरू होते ही शिव भक्तों का आस्था का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया है। आज 11 जुलाई से शुरू हो रही वार्षिक कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली पुलिस ने कमर कस ली है। इस साल 2.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के दिल्ली से गुजरने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और यातायात प्रबंधन योजनाएं तैयार की हैं। सुरक्षित गलियारों से लेकर ड्रोन निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (QRT) तक, हर संभव कदम उठाया जा रहा है ताकि यात्रा सुगम और सुरक्षित रहे।

क्यों है इतनी बड़ी तैयारी?

कांवड़ यात्रा एक विशाल धार्मिक आयोजन है जिसमें लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के हरिद्वार, गौमुख या गंगोत्री से पवित्र गंगाजल लेने के लिए पैदल यात्रा करते हैं और फिर इसे अपने स्थानीय शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। दिल्ली कई कांवड़ मार्गों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस हर साल व्यापक इंतजाम करती है।

दिल्ली पुलिस की सुरक्षा योजना की प्रमुख बातें:

  1. सुरक्षित गलियारे (Safe Corridors): दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों के लिए विशेष रूप से सुरक्षित गलियारे बनाए हैं। बैरिकेडिंग के माध्यम से सड़कों पर समर्पित पैदल ट्रैक बनाए गए हैं ताकि कांवड़ियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित हो सके और दुर्घटनाओं का जोखिम कम हो।
    • प्रमुख गलियारों में अप्सरा बॉर्डर से राजोकरी तक, भोपुरा से टिकरी तक, और कालिंदी कुंज से बदरपुर तक के मार्ग शामिल हैं।
  2. ड्रोन निगरानी (Drone Surveillance): पूरे मार्ग पर, खासकर संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले इलाकों में, लगभग दो दर्जन ड्रोनों का उपयोग करके वास्तविक समय की निगरानी की जाएगी। यह पुलिस को भीड़ की आवाजाही पर नज़र रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद करेगा। शाहदरा जैसे पूर्वी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में विशेष रूप से ड्रोन का व्यापक उपयोग होगा।
  3. त्वरित प्रतिक्रिया टीमें (Quick Response Teams – QRTs): किसी भी आपात स्थिति या अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए प्रमुख स्थानों पर त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया जाएगा। ये टीमें किसी भी खतरे या चिकित्सा आपातकाल में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित होंगी। पूर्वोत्तर जिले में विशेष रूप से QRTs की तैनाती की जाएगी।
  4. सुरक्षा शिविर और समन्वय:
    • शहर भर में 200 से अधिक कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस इन शिविर आयोजकों के साथ नियमित बैठकें कर रही है ताकि सुरक्षा प्रोटोकॉल, आग से सुरक्षा उपकरण और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
    • डीसीपी (दक्षिण) अंकित चौहान और अतिरिक्त डीसीपी रवि बिश्नोई जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने कैंप आयोजकों के साथ मिलकर सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की है।
    • पुलिसकर्मी हर कांवड़ कैंप के आसपास तैनात रहेंगे।
    • मानसून के मौसम को देखते हुए, बिजली विभाग के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि किसी भी टूटे हुए तार या बिजली के झटके की घटना को रोका जा सके।
  5. बढ़ी हुई बल तैनाती: यात्रा मार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 15 कंपनियों से अधिक बाहरी बल, 5,000 पुलिसकर्मी और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा।
  6. यातायात प्रबंधन (Traffic Management): दिल्ली ट्रैफिक पुलिस भी सड़कों पर सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजनाएं बना रही है।
    • प्रमुख चौराहों पर जहां भीड़भाड़ की संभावना है, वहां यातायात प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए समन्वय किया जा रहा है।
    • सड़कों को साफ और गड्ढा मुक्त रखने के लिए MCD और PWD के साथ भी समन्वय किया जा रहा है।
    • बसों को भीड़भाड़ वाले मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा ताकि बाधाओं से बचा जा सके।
    • मोटरसाइकिल गश्ती इकाइयां खासकर व्यस्त समय के दौरान कांवड़ मार्गों पर नजर रखेंगी।
  7. अतिरिक्त सतर्कता और जीरो टॉलरेंस:
    • पुलिस ने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने की बात कही है।
    • रात के समय ग्राउंड-लेवल पर निगरानी के लिए प्रत्येक जोन में एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर जिम्मेदार होगा।
    • प्रमुख शिविरों और मार्ग जंक्शनों पर “क्या करें और क्या न करें” (Dos and Don’ts) के साथ साइनेज लगाए जाएंगे।
    • कांवड़ मार्गों पर मांस की दुकानें 11 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगी।

दिल्ली पुलिस का यह व्यापक और व्यवस्थित दृष्टिकोण कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। सभी से अनुरोध है कि वे पुलिस और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि आस्था और अनुशासन का यह संगम सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके।


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