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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: अब सिर्फ 2.5 घंटे में पहुंचेंगे पहाड़ों की रानी!

आखिरकार, वह दिन करीब आ ही गया जिसका दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करने वाले लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे! 210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जुलाई के अंत तक खुलने के लिए पूरी तरह तैयार है। लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह शानदार एक्सप्रेसवे, न केवल यात्रा के समय को नाटकीय रूप से कम करेगा, बल्कि इसमें एक अनूठी विशेषता भी है – राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरने वाला 12 किलोमीटर लंबा वन्यजीव गलियारा।


समय की बचत, सफर का नया अनुभव

अभी दिल्ली से देहरादून पहुंचने में लगभग 5-6 घंटे का समय लगता है, जो ट्रैफिक और सड़क की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद, यह यात्रा केवल ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी! यह समय की एक बहुत बड़ी बचत है, जो न केवल पर्यटकों के लिए, बल्कि व्यावसायिक यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर यूपी के बागपत, शामली, सहारनपुर होते हुए उत्तराखंड में देहरादून तक जाएगा।


प्रकृति और विकास का अद्भुत संगम: वन्यजीव गलियारा

इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात इसका 12 किलोमीटर लंबा वन्यजीव गलियारा है, जो राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरता है। यह कॉरिडोर एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा है। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वाहन ऊपर से गुजरें और नीचे से जानवर बिना किसी बाधा के आवाजाही कर सकें। इसमें हाथियों और अन्य बड़े जानवरों के लिए बड़े अंडरपास बनाए गए हैं, साथ ही ध्वनि अवरोधक और बाड़ भी लगाए गए हैं ताकि जानवरों को वाहनों के शोर से परेशानी न हो और वे सुरक्षित रहें। यह भारत की पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां विकास परियोजनाओं में वन्यजीवों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।


एक्सप्रेसवे की अन्य प्रमुख विशेषताएं:

  • लागत और लेन: यह 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बना है और शुरुआत में छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
  • आधुनिक सुविधाएं: एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए पेट्रोल पंप, आपातकालीन सेवाएं, रेस्टोरेंट और ट्रॉमा सेंटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: यह एक्सप्रेसवे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा, जो यातायात के सुचारु प्रवाह और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
  • टोल पास की सुविधा: खबरों के अनुसार, 3000 रुपये का वार्षिक टोल पास बनवाने वाले वाहन चालक NHAI के नेशनल हाईवे और नेशनल एक्सप्रेसवे पर मुफ्त यात्रा कर पाएंगे, जिसका फायदा इस एक्सप्रेसवे पर भी मिलेगा।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

इस एक्सप्रेसवे के खुलने से उत्तराखंड में पर्यटन को भारी बढ़ावा मिलेगा। अब दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। यह न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

पूरा देश इस अद्भुत इंजीनियरिंग और पर्यावरण-अनुकूल परियोजना के उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। यह एक्सप्रेसवे भारत के आधुनिक बुनियादी ढांचे की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।


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