दिल्ली और उत्तराखंड के बीच सफर करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! बहुप्रतीक्षित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली से देहरादून तक का सफर, जो अभी 5-6 घंटे का है, घटकर महज 2 से 2.5 घंटे का रह जाएगा।
प्रोजेक्ट की प्रगति: कहां तक पहुंचा काम?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस 210 किलोमीटर लंबे सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्सप्रेसवे का लगभग 85-90% काम पूरा हो चुका है, और शेष कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि जुलाई या अगस्त 2025 तक यह पूरी तरह से चालू हो सकता है।
यह एक्सप्रेसवे चार चरणों में बनाया जा रहा है:
- पहला चरण: अक्षरधाम (दिल्ली) से बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) इंटरचेंज तक 31.6 किमी का हिस्सा। यह खंड लगभग पूरा हो चुका है।
- दूसरा चरण: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सहारनपुर बाईपास तक 118 किमी का हिस्सा।
- तीसरा चरण: सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर तक 41.8 किमी का हिस्सा।
- चौथा चरण: गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी चौक तक 19.78 किमी का हिस्सा। इसमें राजाजी नेशनल पार्क के भीतर 12 किलोमीटर लंबा एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा भी शामिल है, जो जंगली जानवरों की आवाजाही में कोई बाधा नहीं डालेगा।
क्यों है यह एक्सप्रेसवे इतना खास?
यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि तीन राज्यों – दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड – के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला एक गेम-चेंजर प्रोजेक्ट है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
- समय की बचत: सबसे बड़ा फायदा सफर के समय में भारी कमी। 6 घंटे का सफर अब सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा।
- लागत: इस प्रोजेक्ट पर लगभग ₹12,000 करोड़ से ₹13,000 करोड़ की लागत आई है।
- सुरक्षा और सुविधाएं: एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन सेवाएं, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप, ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था भी होगी।
- पर्यावरण के अनुकूल: एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर एनर्जी पैनल्स और ग्रीन बेल्ट भी होगी। साथ ही, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।
- टोल-फ्री सेक्शन: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला 18 किमी हिस्सा (अक्षरधाम मंदिर से गाजियाबाद के लोनी तक) टोल-फ्री रहेगा। बाकी हिस्सों पर यात्रा की गई दूरी के आधार पर टोल टैक्स लगने की संभावना है।
- सुगम यातायात: यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और अन्य प्रमुख हाईवे पर ट्रैफिक का बोझ कम करेगा, जिससे जाम से निजात मिलेगी।
किस-किस को होगा फायदा?
इस एक्सप्रेसवे से न केवल दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करने वालों को फायदा होगा, बल्कि बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, हरिद्वार और चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी सफर बहुत आसान और आरामदायक हो जाएगा। व्यापार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी बेहतर होगी।
अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे खजूरी पुश्ता रोड के ऊपर से होते हुए दिल्ली-यूपी सीमा पर बने एमसीडी टोल बूथ से यूपी में प्रवेश करेगा। यह आधुनिक इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उद्घाटन की सटीक तारीख का ऐलान अभी बाकी है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं। यह निश्चित रूप से लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत और सुविधा लेकर आएगा।
आप दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को लेकर कितने उत्साहित हैं? अपनी राय हमें कमेंट्स में बताएं!