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कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला: कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा को मिलेगा 50,000 करोड़ का बूस्ट |

केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए ₹50,000 करोड़ से अधिक के निवेश को मंजूरी दी है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है जो न केवल हमारे किसानों के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है, बल्कि देश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आइए जानते हैं इस बड़े निवेश से क्या बदलाव आने वाले हैं।

किसानों को मिलेगी ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की सौगात

इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ (PMDDKY) के तहत कृषि क्षेत्र को समर्पित किया गया है। इस योजना पर अगले छह साल तक हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इन जिलों का चयन कम कृषि उत्पादकता, कम फसल सघनता और कर्ज तक आसान पहुंच की कमी जैसे मापदंडों के आधार पर किया गया है।

किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

  • उत्पादकता में वृद्धि: PMDDKY का लक्ष्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, जिससे किसानों की फसलें बेहतर हों और उन्हें अधिक उपज मिल सके।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग: यह योजना आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देगी, जिससे खेती अधिक कुशल और लाभदायक बनेगी।
  • सिंचाई और भंडारण: सिंचाई सुविधाओं में सुधार और कटाई के बाद के भंडारण ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे फसल का नुकसान कम होगा।
  • ऋण तक आसान पहुंच: किसानों को छोटे और लंबे समय के कृषि ऋण आसानी से उपलब्ध हो सकें, इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
  • रोजगार के अवसर: कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
  • आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम: यह योजना देश को कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

अनुमान है कि इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह आकांक्षी जिलों की पहल से मिले अनुभवों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के प्रयासों को एक साथ जोड़कर जमीन पर ठोस परिणाम लाना है।

नवीकरणीय ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा

₹50,000 करोड़ के इस निवेश का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने में लगाया जाएगा। इसके तहत दो प्रमुख सरकारी कंपनियों को मजबूत किया जाएगा:

  1. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन (NIPC): NIPC को 20,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जिससे यह सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सकेगी।
  2. नेशनल क्लीन इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (NCIL): NCIL को 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि नई तरह की साफ-सुथरी टेक्नोलॉजी और ऊर्जा को स्टोर करने वाले प्रोजेक्ट्स में निवेश की जाएगी। इसका मतलब है कि NCIL ऐसी कंपनियों में पैसा लगाएगी जो प्रदूषण कम करने वाली नई तकनीक बना रही हैं और ऊर्जा को जमा करके रखने के तरीके खोज रही हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लाभ:

  • हरित ऊर्जा को बढ़ावा: यह निवेश भारत को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने में मदद करेगा।
  • ऊर्जा सुरक्षा: घरेलू नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
  • रोजगार सृजन: नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट्स से रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।
  • पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से प्रदूषण कम होगा और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत की भूमिका मजबूत होगी।
  • तकनीकी विकास: नई तकनीकों में निवेश से भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बन सकता है।

भारत पहले ही अपनी कुल स्थापित ग्रीन एनर्जी क्षमता में 50% का आंकड़ा पार कर चुका है और 2030 के लक्ष्य से पहले ही इसे हासिल कर लिया है। यह नया निवेश इस गति को और बढ़ाएगा और भारत को ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

एक उज्जवल भविष्य की ओर:

यह ₹50,000 करोड़ का कैबिनेट निवेश कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह न केवल किसानों के जीवन में सुधार लाएगा और उन्हें सशक्त करेगा, बल्कि भारत को एक स्वच्छ, हरित और ऊर्जा-स्वतंत्र भविष्य की ओर भी ले जाएगा। यह दिखाता है कि सरकार समावेशी विकास और सतत भविष्य के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।


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