प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही एक महत्वाकांक्षी पहल ‘भारत डिजिटल ड्राइव’ का अनावरण करने वाले हैं। यह कार्यक्रम ग्रामीण कनेक्टिविटी, फिनटेक सशक्तिकरण और ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है। इसका लक्ष्य 2026 तक 1 लाख से अधिक गांवों को डिजिटल रूप से जोड़ना है। यह अभियान भारत को एक डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के सपने को साकार करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
डिजिटल इंडिया की दस वर्षों की यात्रा और ‘भारत डिजिटल ड्राइव’ की महत्ता:
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, जिसकी शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी, ने पिछले एक दशक में भारत में एक अभूतपूर्व डिजिटल क्रांति लाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में इसे ‘लोगों का आंदोलन’ बताया है, जिसने शासन, अर्थव्यवस्था और समाज में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई इबारत लिखी है। ‘भारत डिजिटल ड्राइव’ इसी क्रांति को अगले स्तर पर ले जाने का प्रयास है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी भी डिजिटल पहुंच की आवश्यकता है।
‘भारत डिजिटल ड्राइव’ के मुख्य स्तंभ:
यह नया अभियान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा:
- ग्रामीण कनेक्टिविटी: इस ड्राइव का एक प्रमुख उद्देश्य देश के दूरदराज के गांवों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है। ‘भारतनेट’ योजना के तहत पहले से ही 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा गया है। ‘भारत डिजिटल ड्राइव’ इस पहुंच को और विस्तारित करेगा, जिससे 2026 तक 1 लाख से अधिक गांवों को डिजिटल रूप से जोड़ा जा सके। यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों के नए द्वार खोलेगा।
- फिनटेक सशक्तिकरण: यूपीआई (UPI) जैसे सफल डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने भारत में वित्तीय लेनदेन को पूरी तरह से बदल दिया है। ‘भारत डिजिटल ड्राइव’ फिनटेक सेवाओं को ग्रामीण आबादी तक पहुंचाने पर जोर देगा, जिससे उन्हें डिजिटल भुगतान, ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच मिल सके। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- ई-लर्निंग: शिक्षा तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करना इस अभियान का एक और महत्वपूर्ण पहलू है। ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम ग्रामीण छात्रों और वयस्कों को सशक्त बनाएंगे, उन्हें नए कौशल सीखने और बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करेंगे। ‘पीएमजी दिशा’ जैसे कार्यक्रमों ने पहले ही करोड़ों ग्रामीणों को डिजिटल रूप से साक्षर किया है, और यह ड्राइव इस प्रयास को और गति देगा।
बदलते भारत की तस्वीर:
पिछले एक दशक में, भारत ने डिजिटल क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। 2014 में जहां इंटरनेट कनेक्शन की संख्या लगभग 25 करोड़ थी, वहीं आज यह आंकड़ा 97 करोड़ से अधिक हो गया है। भारत अब अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गया है। यूपीआई लेनदेन की संख्या हर साल 100 अरब से अधिक हो गई है, और डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से 44 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाए गए हैं, जिससे बिचौलियों को खत्म कर 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।
‘भारत डिजिटल ड्राइव’ भारत के डिजिटल भविष्य को और मजबूत करेगा, जिससे देश के हर नागरिक को प्रौद्योगिकी के लाभ मिल सकें। यह सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक जन आंदोलन है। इस अभियान से ग्रामीण भारत में नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।