देवभूमि हिमाचल प्रदेश इस साल मॉनसून की भयंकर मार झेल रहा है। मूसलाधार बारिश ने राज्य में तबाही मचा दी है, जिससे भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब तक 92 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और लगभग 250 सड़कें अभी भी बंद हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह बाधित है।
मॉनसून का रौद्र रूप:
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से ही लगातार भारी बारिश हो रही है। यह बारिश अपने साथ भूस्खलन, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ जैसी विनाशकारी घटनाएं लेकर आई है। पर्वतीय इलाकों में सड़कें धंस गई हैं, पुल बह गए हैं, और कई जगह घर मलबे में दब गए हैं।
तबाही का आंकड़ा:
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में अब तक 92 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इन मौतों में बारिश जनित हादसों (भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने) और सड़क दुर्घटनाएं दोनों शामिल हैं। मंडी, कुल्लू, और सोलन जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहां जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
सड़कें बंद, जनजीवन ठप:
बारिश और भूस्खलन के कारण राज्यभर में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। लगभग 250 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण लाइफलाइन है, कई स्थानों पर बाधित है। सड़कों के बंद होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है, और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बुनियादी ढांचा हुआ ध्वस्त:
सड़कों के साथ-साथ, हिमाचल प्रदेश का बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। हजारों घर आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई पेयजल योजनाएं बाधित हो गई हैं, जिससे पीने के पानी की किल्लत हो गई है। बिजली के ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। राज्य सरकार ने अब तक 750 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है।
राहत और बचाव कार्य जारी:
राज्य सरकार और आपदा राहत दल युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
आगे की चुनौतियाँ:
मौसम विभाग ने अभी भी राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के सामने बंद सड़कों को खोलने, बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने की बड़ी चुनौती है।
इस मुश्किल घड़ी में, हम सभी हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़े हैं और उनकी सुरक्षित वापसी और जल्द सामान्य जीवन की कामना करते हैं। यह समय एकजुटता दिखाने और हर संभव मदद का हाथ बढ़ाने का है।