भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है! भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो Axiom-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर थे, आज पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उन्होंने Crew Dragon “Grace” नामक अंतरिक्ष यान से ISS को सफलतापूर्वक छोड़ दिया है और आज रात कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत महासागर में उनकी ‘स्प्लैशडाउन’ (पानी में उतरने) की उम्मीद है।
अंतरिक्ष में भारत का नया सितारा:
शुभांशु शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास रच दिया है। हालांकि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष यात्रा की थी, लेकिन उन्होंने सोवियत संघ के सोयुज कार्यक्रम के तहत यात्रा की थी। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा एक निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा है, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में बढ़ती वैश्विक भागीदारी और क्षमता को दर्शाता है।
Axiom-4 मिशन: विज्ञान और शोध का महासागर:
Group Captain Shubhanshu Shukla, जो भारतीय वायु सेना में एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं और ISRO के ‘गगनयान’ मिशन के लिए भी चुने गए हैं, ने Axiom-4 मिशन के पायलट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कमांडर पेगी व्हिटसन, ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज़्नास्की-विस्निवस्की और हंगरी के टिबोर कपू के साथ लगभग 18 दिनों तक ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया।
इन प्रयोगों में मानव स्वास्थ्य, अंतरिक्ष कृषि, मानसिक कल्याण और सामग्री परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल थे। शुभांशु शुक्ला ने विशेष रूप से सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में ग्लूकोज मॉनिटर के परीक्षण पर काम किया, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में मधुमेह वाले व्यक्तियों को शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण शोध है। उन्होंने सूक्ष्म शैवाल की खेती और मूंग व मेथी के बीज अंकुरित करने जैसे अंतरिक्ष कृषि परियोजनाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो भविष्य में अंतरिक्ष में जीवन-समर्थन प्रणालियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
सुरक्षित वापसी की तैयारी:
आज, 14 जुलाई को, Crew Dragon “Grace” ISS से अलग हो गया है। लगभग 22 घंटे की वापसी यात्रा के बाद, कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत महासागर में उनका स्प्लैशडाउन होने की उम्मीद है। इस पूरी प्रक्रिया पर नासा और एक्सिओम स्पेस के मिशन कंट्रोलर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके।
भारत को गर्व:
शुभांशु शुक्ला की इस उपलब्धि ने पूरे भारत को गर्व से भर दिया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी उपलब्धियों की सराहना की थी और कहा था कि उनकी यात्रा ने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। उनकी अंतरिक्ष यात्रा ने युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रेरित किया है।
पृथ्वी पर लौटने के बाद, शुभांशु शुक्ला को गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के लिए लगभग सात दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा। उनका परिवार बेसब्री से उनकी वापसी का इंतजार कर रहा है और उनके लिए पसंदीदा घर का बना खाना तैयार करने की तैयारी कर रहा है।
यह वास्तव में भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में हमारी बढ़ती उपस्थिति और क्षमताओं को दर्शाता है। शुभांशु शुक्ला को उनकी सफल यात्रा के लिए बहुत-बहुत बधाई और हम उनकी सुरक्षित वापसी की कामना करते हैं!