भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में एक बड़ा बदलाव आने वाला है! दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) भारत में अपनी औपचारिक एंट्री के लिए पूरी तरह तैयार है। एलन मस्क के नेतृत्व वाली यह कंपनी 15 जुलाई, 2025 को मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने जा रही है, जो भारत के तेजी से बढ़ते EV बाजार में कंपनी की बाजार एंट्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
कहां खुलेगा पहला ‘एक्सपीरियंस सेंटर’?
टेस्ला का पहला ‘एक्सपीरियंस सेंटर’ मुंबई के पॉश बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में खुलेगा। यह इलाका मुंबई के प्रमुख वाणिज्यिक जिलों में से एक है और यहां पहले से ही कई लक्जरी ब्रांड्स और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि यह शोरूम लगभग 4,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला होगा और यह Apple के पहले फ्लैगशिप स्टोर के भी करीब स्थित है।
टेस्ला की भारत में एंट्री की रणनीति:
टेस्ला की भारत में एंट्री पिछले कई सालों से अटकलों और बातचीत का विषय रही है। अब यह आखिरकार हकीकत बन रही है। कंपनी का उद्देश्य फिलहाल भारत में अपने वाहनों को सीधे आयात करके बेचना है, बजाय इसके कि वह तत्काल विनिर्माण इकाई स्थापित करे।
- शुरुआती पेशकश: मुंबई के शोरूम में टेस्ला की शुरुआती पेशकश में मॉडल Y रियर-व्हील ड्राइव एसयूवी शामिल होगी। यह गाड़ियां चीन में टेस्ला के शंघाई गिगाफैक्ट्री से आयात की जाएंगी।
- उच्च आयात शुल्क: भारत में पूरी तरह से निर्मित वाहनों (CBU) पर लगभग 70% का भारी आयात शुल्क लगता है, जिससे टेस्ला के वाहनों की कीमत भारत में काफी अधिक हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मॉडल Y की एक्स-शोरूम कीमत लगभग ₹70 लाख होने की उम्मीद है, जो अमेरिका की तुलना में काफी महंगी होगी।
- प्रीमियम सेगमेंट पर फोकस: ऊंची कीमत के बावजूद, टेस्ला का लक्ष्य भारत में शुरुआती EV अपनाने वालों और प्रीमियम सेगमेंट के ग्राहकों को आकर्षित करना है। कंपनी धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बना रही है, जिसमें भविष्य में स्थानीय विनिर्माण की संभावना भी शामिल है, बशर्ते सरकार से प्रोत्साहन मिले।
- स्टोर के बाद सर्विस सेंटर: मुंबई के कुर्ला वेस्ट में टेस्ला ने एक 24,500 वर्ग फुट का वाणिज्यिक स्थान भी लीज पर लिया है, जिसका उपयोग वाहन सेवा सुविधा (सर्विस सेंटर) के रूप में किया जाएगा। यह दर्शाता है कि कंपनी बिक्री के बाद की सेवाओं को भी गंभीरता से ले रही है।
- अन्य शहरों में विस्तार: मुंबई के बाद, टेस्ला की योजना नई दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में भी शोरूम खोलने की है।
विनिर्माण पर अभी कोई प्रतिबद्धता नहीं:
भारत सरकार लगातार टेस्ला को देश में विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, और इसके लिए एक नई EV नीति भी लाई गई है। हालांकि, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने पिछले महीने स्पष्ट किया था कि टेस्ला की रुचि फिलहाल केवल शोरूम खोलने और आयातित कारों को बेचने में है, न कि स्थानीय स्तर पर विनिर्माण करने में।
भारत के EV बाजार पर प्रभाव:
टेस्ला की एंट्री निश्चित रूप से भारतीय EV बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगी। वर्तमान में टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, एमजी मोटर और हुंडई जैसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भारतीय बाजार में सक्रिय हैं। टेस्ला का प्रवेश न केवल उपभोक्ताओं के लिए नए विकल्प लाएगा, बल्कि भारत में समग्र EV इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
कुल मिलाकर, 15 जुलाई का दिन भारतीय ऑटोमोटिव इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जब टेस्ला आधिकारिक तौर पर भारत में अपने कदम रखेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अमेरिकी EV दिग्गज भारतीय उपभोक्ताओं का दिल कैसे जीतती है और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य को कैसे आकार देती है।