अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी “अमेरिका फर्स्ट” व्यापार नीति का आक्रामक रूप दिखाते हुए कनाडा पर बड़ा व्यापारिक हमला किया है। ट्रंप ने घोषणा की है कि 1 अगस्त, 2025 से कनाडा से अमेरिका में आयात होने वाले सभी सामानों पर 35% का भारी-भरकम शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के बीच एक नए व्यापार युद्ध की आशंका को जन्म दे रहा है।
टैरिफ क्यों लगाया गया? ट्रंप के आरोप:
राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को लिखे एक पत्र और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस टैरिफ के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया। उनके मुख्य तर्क इस प्रकार हैं:
- फेंटानिल संकट: ट्रंप ने आरोप लगाया कि कनाडा अमेरिका में फैल रहे ‘फेंटानिल’ (एक अत्यधिक खतरनाक ड्रग) संकट को रोकने में पर्याप्त रूप से विफल रहा है। उन्होंने कहा कि कनाडा की लापरवाही के कारण यह संकट और बढ़ा है, और अब वक्त आ गया है कि अमेरिका अपनी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता दे।
- अनुचित व्यापार व्यवहार और व्यापार घाटा: ट्रंप ने कनाडा पर “अनुचित और शोषणकारी डेयरी नीतियों” का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कनाडा अमेरिकी डेयरी किसानों पर 400% तक का आयात शुल्क लगाता है और उन्हें अपने उत्पाद बेचने की अनुमति नहीं देता, जिससे अमेरिका को भारी व्यापार घाटा उठाना पड़ता है। ट्रंप ने इसे अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी बताया है।
- जवाबी कार्रवाई की चेतावनी: ट्रंप ने साफ किया कि यदि कनाडा अमेरिका के इस टैरिफ का जवाब अपने उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर देता है, तो अमेरिका उसकी प्रतिक्रिया के बराबर और अधिक टैरिफ लगा देगा। उन्होंने लिखा, “अगर आप किसी कारणवश टैरिफ बढ़ाते हैं, तो जितना प्रतिशत आप बढ़ाएंगे, उतना हम 35% में जोड़ देंगे।”
कनाडा की प्रतिक्रिया और आगे क्या?
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप के इस कदम पर जवाब देते हुए कहा है कि कनाडा ने फेंटानिल संकट को रोकने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और अमेरिका के साथ सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कनाडा अपनी इंडस्ट्री की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जैसा कि उन्होंने पहले कुछ स्टील आयातों पर 50% अधिभार लगाकर किया था।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कुछ सुधार देखा गया था। 2018-19 के व्यापार युद्ध के बाद, जब ट्रंप ने स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ लगाए थे, USMCA (अमेरिका-कनाडा-मैक्सिको समझौता) के बाद संबंधों में कुछ स्थिरता आई थी। लेकिन अब यह नया ‘टैरिफ बम’ फिर से व्यापारिक तनाव को बढ़ा रहा है।
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ व्यापार नीति:
डोनाल्ड ट्रंप अपनी “अमेरिका फर्स्ट” व्यापार नीति के लिए जाने जाते हैं, जिसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना और व्यापार घाटे को कम करना है। उन्होंने कई देशों पर आरोप लगाए हैं कि वे अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं। कनाडा के अलावा, ट्रंप पहले भी ब्राजील पर 50% टैरिफ और ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं।
ट्रंप ने कनाडा की कंपनियों को अमेरिका में आकर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का ऑफर भी दिया है, यह कहते हुए कि जो कंपनियां ऐसा करेंगी उन्हें सभी कानूनी मंजूरियां बेहद तेजी से मिलेंगी।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस नए टैरिफ का कनाडा की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है और कनाडा इसकी क्या प्रतिक्रिया देता है। दोनों देशों के बीच यह व्यापारिक खींचतान न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करेगी, बल्कि वैश्विक व्यापार प्रणाली पर भी इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।