राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों (दिल्ली-एनसीआर) में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट 50 सेकंड पर आए इन झटकों से पूरा इलाका हिल उठा, जिससे लोगों में कुछ देर के लिए दहशत फैल गई और वे अपने घरों तथा दफ्तरों से बाहर निकल आए।
भूकंप की तीव्रता और केंद्र:
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। केंद्र दिल्ली से लगभग 51 किलोमीटर दूर था, यही कारण है कि दिल्ली-एनसीआर में इसके झटके काफी तेज महसूस किए गए।
कहां-कहां महसूस हुए झटके?
दिल्ली के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार, सोनीपत, बहादुरगढ़, मेरठ, शामली और हापुड़ तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए, जहां उन्होंने पंखों, कंप्यूटर और अन्य सामानों के हिलने की बात कही। कुछ जगहों पर लोग घबराकर खुले में आ गए।
कितनी देर तक रहा असर?
जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटके लगभग 8 से 10 सेकंड तक महसूस किए गए। कुछ जगहों पर तो यह 15 सेकंड तक भी अनुभव किया गया। हालांकि, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा तत्काल मिली जानकारी के अनुसार, इस भूकंप से किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है, जो एक राहत की बात है।
दिल्ली-एनसीआर भूकंप के प्रति संवेदनशील क्यों?
दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय जोन IV में आता है, जिसका अर्थ है कि यह क्षेत्र मध्यम से तीव्र भूकंप के प्रति संवेदनशील है। इस क्षेत्र की हिमालय से निकटता भी इसे भूकंपीय गतिविधियों के प्रति अधिक प्रवृत्त बनाती है। भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटों के टकराव और उनके लगातार खिसकने के कारण ऊर्जा निकलती है, जो इस क्षेत्र में भूकंपों का कारण बनती है। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर के आसपास कई ‘फॉल्ट लाइन्स’ भी मौजूद हैं, जो छोटे-मोटे झटकों का कारण बनती रहती हैं।
यह पिछले छह महीनों में दिल्ली-एनसीआर में महसूस किया गया तीसरा भूकंप है। इससे पहले 17 फरवरी और 19 अप्रैल को भी इस क्षेत्र में भूकंप के झटके आए थे।
सुरक्षा और सावधानी:
विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि भूकंप के दौरान घबराएं नहीं और कुछ सावधानियां बरतें:
- शांत रहें: घबराहट से बचें और दूसरों को भी शांत रहने में मदद करें।
- सुरक्षित स्थान पर जाएं: अगर आप घर के अंदर हैं, तो किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं। अगर कोई सुरक्षित जगह नहीं है, तो किसी मजबूत दीवार के सहारे खड़े हो जाएं।
- लिफ्ट का प्रयोग न करें: भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
- खुले में रहें: अगर आप बाहर हैं, तो इमारतों, पेड़ों, बिजली के खंभों और तारों से दूर खुले स्थान पर रहें।
- अफवाहों से बचें: केवल आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर ही विश्वास करें।
फिलहाल, स्थिति सामान्य है और किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।