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विप्रो की अमेरिकी रणनीति: डिजिटल और AI का दबदबा – कैसे बदल रही है तस्वीर?

भारतीय आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो, वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक आक्रामक रणनीति अपना रही है, और इस रणनीति के केंद्र में डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हैं, खासकर अमेरिकी बाजार में। उत्तरी अमेरिका (कनाडा और लैटिन अमेरिका सहित) विप्रो के लिए एक प्रमुख विकास इंजन रहा है, जिसने वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी के कुल आईटी सेवा राजस्व का 62.3% हिस्सा बनाया है।

AI-फर्स्ट अप्रोच का बोलबाला

विप्रो ने अब ‘AI-फर्स्ट’ दृष्टिकोण अपना लिया है। इसका मतलब है कि कंपनी अपने हर समाधान, हर टूल और हर आंतरिक प्रक्रिया में AI को गहराई से शामिल कर रही है, साथ ही ग्राहकों को भी AI-संचालित समाधान प्रदान कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले समय में उसके 100% समाधान और पेशकश AI-केंद्रित होंगे।

अमेरिका में क्यों है खास फोकस?

अमेरिका, विप्रो के लिए न केवल सबसे बड़ा बाजार है, बल्कि नवाचार (innovation) और नई तकनीकों को अपनाने में भी अग्रणी है। विप्रो इस बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए AI-आधारित परिवर्तन कार्यक्रमों और वार्षिकी-आधारित (annuity-based) मॉडलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे उन्हें बाजार में नेतृत्व हासिल करने में मदद मिल रही है।

वित्तीय वर्ष 2025 में, अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विप्रो के राजस्व में 13.41% की वृद्धि देखी गई, जो AI और डिजिटल समाधानों के माध्यम से दक्षता और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। कनाडा और लैटिन अमेरिका जैसे अन्य उत्तरी अमेरिकी क्षेत्रों में भी बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि देखी गई है।

मुख्य स्तंभ: AI, डिजिटल और कौशल विकास

विप्रो की यूएस रणनीति कई प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:

  1. AI-पावर्ड समाधान: कंपनी जेनरेटिव AI सहित विभिन्न AI प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके क्लाइंट्स के लिए अनुकूलित और उच्च-प्रभाव वाले परिवर्तनकारी समाधान बना रही है। वे AI को मुख्य उद्यम संचालन में एम्बेड करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, चाहे वह वित्त हो, विनिर्माण हो या ग्राहक जुड़ाव।
  2. डिजिटल परिवर्तन: विप्रो क्लाइंट्स को उनके डिजिटल परिवर्तन की यात्रा में मदद कर रहा है, जिसमें एंटरप्राइज आर्किटेक्चर, एजाइल (Agile), डेवसेकऑप्स (DevSecOps), फुल स्टैक इंजीनियरिंग और क्लाउड कंसल्टिंग जैसी विशेषज्ञता शामिल है।
  3. कुशल कार्यबल: AI-संचालित भविष्य के लिए, विप्रो अपने कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने पर भारी निवेश कर रही है। उन्होंने लाखों कर्मचारियों को AI और जेनरेटिव AI के बुनियादी सिद्धांतों में प्रशिक्षित किया है, और विशिष्ट भूमिकाओं के लिए अधिक उन्नत प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उनका कार्यबल AI युग के लिए तैयार है।
  4. साझेदारियां और इकोसिस्टम: विप्रो माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एडब्ल्यूएस (AWS) और एनवीडिया (Nvidia) जैसे हाइपरस्केलर्स और चिपमेकर्स के साथ साझेदारी मजबूत कर रहा है। वे AI लैब और AI फाउंड्री जैसे इनोवेशन हब भी स्थापित कर रहे हैं ताकि ग्राहकों को नियंत्रित वातावरण में AI के साथ प्रयोग करने और उसे तैनात करने में मदद मिल सके।

आगे की राह

विप्रो के सीईओ श्रीनि पाल्लिया के नेतृत्व में, कंपनी अपने ग्लोबल बिजनेस लाइन्स को फिर से संरेखित कर रही है ताकि AI-पावर्ड और कंसल्टिंग-आधारित क्लाइंट समाधानों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस पुनर्गठन का उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर सेवा देना और उच्च-प्रभाव वाले परिवर्तन प्रदान करना है।

संक्षेप में, विप्रो अपनी अमेरिकी रणनीति में डिजिटल और AI को एक शक्तिशाली संयोजन के रूप में देख रहा है। यह न केवल उनके राजस्व स्थिरता में योगदान दे रहा है बल्कि उन्हें अमेरिकी बाजार में एक अग्रणी AI इंटीग्रेटर और परामर्श प्रदाता के रूप में भी स्थापित कर रहा है, जो भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार कर रहा है।


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