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मोहम्मद शमी को झटका: पत्नी और बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये – क्या है पूरा मामला?

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को कोलकाता हाई कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें अपनी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां और बेटी को हर महीने 4 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद शमी के फैंस के बीच इस मामले को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है।

क्या है कोर्ट का आदेश?

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी ने मंगलवार, 1 जुलाई 2025 को यह आदेश पारित किया। आदेश के अनुसार, मोहम्मद शमी को अपनी पत्नी हसीन जहां को 1.5 लाख रुपये प्रति माह और बेटी के भरण-पोषण के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा। यह राशि 2018 में मामले की शुरुआत से ही लागू मानी जाएगी, जिसका मतलब है कि शमी को पिछले सात सालों का बकाया भी चुकाना पड़ सकता है।

पूरा मामला क्या है?

मोहम्मद शमी और हसीन जहां का विवाद 2018 में शुरू हुआ था, जब हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्होंने शमी से अलग होने का फैसला किया और गुजारा भत्ता के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

शुरुआत में, हसीन जहां ने 10 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता की मांग की थी, जिसमें से 7 लाख रुपये उनके लिए और 3 लाख रुपये बेटी के लिए थे। उन्होंने शमी की आय का हवाला देते हुए कहा था कि 2020-21 में शमी की सालाना आय 7 करोड़ रुपये से अधिक थी।

हालांकि, निचली अदालत ने 2018 में हसीन जहां को 50,000 रुपये और बेटी को 80,000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। इस फैसले से असंतुष्ट होकर हसीन जहां ने कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद अब यह नया आदेश आया है।

हसीन जहां की प्रतिक्रिया

हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद हसीन जहां ने खुशी व्यक्त की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह उनकी जीत है और देश में कानून है जो लोगों को अपनी जिम्मेदारी उठाने का आदेश देता है। उन्होंने यह भी बताया कि शादी से पहले वह मॉडलिंग और एक्टिंग करती थीं, लेकिन शमी की वजह से उन्हें यह सब छोड़ना पड़ा। अब उनके पास अपनी कोई कमाई नहीं है, इसलिए शमी को उनका और बेटी का खर्च उठाना होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि वह इस 4 लाख रुपये के भत्ते से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और आगे भी कानूनी लड़ाई जारी रख सकती हैं।

आगे क्या?

इस मामले में अभी भी तलाक का केस चल रहा है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत को छह महीने के भीतर मुख्य मामले को निपटाने का भी निर्देश दिया है। यह देखना होगा कि मोहम्मद शमी इस आदेश पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है। भारतीय क्रिकेट जगत में शमी के प्रदर्शन पर उनके निजी जीवन के इस विवाद का कितना असर पड़ेगा, यह भी देखने वाली बात होगी।


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