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नोएडा के वृद्धाश्रम में अमानवीय बर्ताव का खुलासा: 39 बुजुर्ग महिलाएं ‘नर्क’ जैसे हालात में मिलीं, आश्रम सील!



नोएडा, [27 जून 2025]: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे नोएडा में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहाँ सेक्टर-55 स्थित एक निजी वृद्धाश्रम में छापेमारी के दौरान 39 बुजुर्ग महिलाओं को बेहद अमानवीय परिस्थितियों में पाया गया। अधिकारियों ने इन हालात को ‘नर्क से भी बदतर’ बताया है। यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब एक वायरल वीडियो ने अधिकारियों का ध्यान इस ओर खींचा, जिसके बाद उत्तर प्रदेश महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार को ‘आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम’ पर छापा मारा।


चौंकाने वाले दृश्य और अमानवीयता:
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने पाया कि कई बुजुर्ग महिलाओं को कमरों में बंद करके रखा गया था, कुछ के हाथ बंधे हुए थे, और कई महिलाएं व पुरुष मल-मूत्र सने कपड़ों में थे। आश्रम के तहखाने जैसे कमरों में पुरुषों को भी बिना कपड़ों के अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस आश्रम में बुजुर्गों को रखने के लिए उनके परिवारों से 2.5 लाख रुपये का दान और 6,000 रुपये प्रति माह भोजन और आवास के लिए वसूले जाते थे, जबकि देखभाल के लिए कोई उचित स्टाफ मौजूद नहीं था। एक कर्मचारी ने खुद को नर्स बताया, लेकिन उसने केवल 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी।


राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भरला ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद मीडिया को बताया कि यह वीडियो समाज कल्याण विभाग, लखनऊ के पास भेजा गया था, जिसके बाद छापेमारी के निर्देश मिले। उन्होंने कहा कि आश्रम में बुजुर्गों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा था।


आश्रम सील, जांच जारी:
नोएडा पुलिस ने आश्रम को सील कर दिया है और सभी 39 बुजुर्गों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन बुजुर्गों को एक या दो दिन में सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने आश्रम संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है।


सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल:
यह घटना समाज में बुजुर्गों की सुरक्षा और देखभाल के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ऐसे वृद्धाश्रमों का उद्देश्य बुजुर्गों को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन प्रदान करना होना चाहिए, न कि उन्हें यातनागृह में बदलना। इस घटना ने एक बार फिर वृद्धाश्रमों के विनियमन और नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है।


प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।